धातु – क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं !जैसे – पढ़ , लिख , आ ,खा , जा , सो , हंस ! ‘पढ़‘ धातु से अनेक क्रिया रूप बनते हैं ! जैसे – पढ़ा , पढ़ता है , पढ़ना , पढ़ा था , पढ़िए ! इनमें पढ़ एक ऐसा अंश है , जो सभी रूपों में मिल रहा है ! इस समान रूप से मिलने वाले अंश को धातु या क्रिया धातु कहते हैं !
धातु के भेद इस प्रकार हैं –
1. सामान्य ( मूल ) धातु – सामान्य , मूल या रूढ़ क्रिया धातुएं रूढ़ शब्द के रूप में प्रचलित हैं! यौगिक अथवा व्युत्पन्न न होने के कारण ही इन्हें सामान्य या सरल धातुएं भी कहते हैं ;
जैसे – सुनना , खेलना , लिखना , जाना , खाना आदि !
2. व्युत्पन्न धातु – जो धातुएं किसी मूल धातु में प्रत्यय लगा कर अथवा मूल धातु को किसी अन्य प्रकार से बदलकर बनाई जाती हैं , उन्हें व्युत्पन्न धातुएं कहते हैं ! जैसे –
मूल रूप व्युत्पन्न धातु ( प्रेरणार्थक ) व्युत्पन्न ( अकर्मक )
1. काटना कटवाना कटना
2. खाना खिलाना खिलवाना
3. खोलना खुलवाना खुलना
– मूल धातुएं अकर्मक होती हैं , या सकर्मक ! मूल अकर्मक धातुओं से प्रेरणार्थक अथवा सकर्मक धातुएं व्युत्पन्न होती हैं !
3. नाम धातु – संज्ञा , सर्वनाम और विशेषण शब्दों के पीछे प्रत्यय लगाकर जो क्रिया धातुएं बनती हैं , उन्हें नाम धातु क्रिया कहते हैं , जैसे –
– संज्ञा शब्दों से – लाज से लजाना , बात से बतियाना ! हिनहिन से हिनहिनाना ,
– विशेषण शब्दों से – गर्म से गर्माना , मोटा से मुटाना !
– सर्वनाम से – अपना से अपनाना !
4. मिश्र धातु – जिन संज्ञा , विशेषण और क्रिया विशेषण शब्दों के बाद ‘ करना ‘ यह होना जैसे क्रिया पदों के प्रयोग से जो नई क्रिया धातुएं बनती हैं , उन्हें मिश्र धातुएं कहते हैं
1. होना या करना – काम करना , काम होना !
2. देना – धन देना , उधार देना !
3. खाना – मार खाना , हवा खाना !
4. मारना – गोता मारना , डींग मारना !
5. लेना – जान लेना , खा लेना !
6. जाना – पी जाना , सो जाना !
7. आना – याद आना , नजर आना !
5- अनुकरणात्मक धातु – जो धातुएं किसी ध्वनि के अनुकरण पर बनाई जाती हैं , अनुकरणात्मक धातुएं कहते हैं ! जैसे –
टनटन – टनटनाना , चटकना , पटकना , खटकना धातुएं भी अनुकरणात्मक धातुओं के अंतर्गत आती हैं !