Hindi Idioms: हिंदी मुहावरे :
- अंगूठा दिखाना – मना कर देना
- अक्ल सठियाना – बुद्धि भ्रष्ट होना
- अंगूठे पर रखना – परवाह न करना
- अपना उल्लू सीधा करना – अपना काम बना लेना
- अपनी खिचड़ी अलग पकाना – सबसे अलग रहना
- आँखों का तारा – बहुत प्यारा
- आँखें बिछाना – स्वागत करना
- आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना
- आग बबूला होना – अत्यधिक क्रोध करना
- आस्तिन का सांप होना – कपटी मित्र
- आँखें दिखाना – धमकाना
- आसमान टूट पड़ना – अचानक मुसीबत आ जाना
- आसमान पर दिमाग होना – अहंकारी होना
- ईंट का जवाब पत्थर से देना – करारा जवाब देना
- ईद का चाँद होना – बहुत कम दिखाई देना
- ईंट से ईंट बजाना – ध्वस्त कर देना
- उल्टे छुरे से मूंढ़ना – ठग लेना
- उड़ती चिड़िया के पंख गिनना – अत्यन्त चतुर होना
- ऊंट के मुंह में जीरा होना – अधिक खुराक वाले को कम देना
- एड़ी चोटी का जोर लगाना – बहुत प्रयास करना
- ओखली में सिर देना – जान बूझकर मुसीबत मोल लेना
- औधी खोपड़ी का होना – बेवकूफ होना
- कलेजा ठण्डा होना – शांत होना
- कलेजे पर पत्थर रखना – दिल मजबूत करना
- कलेजे पर सांप लोटना – अन्तर्दाह होना
- कलेजा मुंह को आना – घबरा जाना
- काठ का उल्लू होना – मूर्ख होना
- कान काटना – चतुर होना
- कान खड़े होना – सावधान हो जाना
- काम तमाम करना – मार डालना
- कुएं में बांस डालना – बहुत खोजबीन करना
- कलई खुलना – पोल खुलना
- कलेजा फटना – दुःख होना
- कीचड़ उछालना – बदनाम करना
- खून खौलना – क्रोध आना
- खून का प्यासा होना – प्राण लेने को तत्पर होना
- खाक छानना – भटकना
- खटाई में पड़ना – व्यवधान आ जाना
- गाल बजाना – डींग हांकना
- गूलर का फूल होना – दुर्लभ होना
- गांठ बांधना – याद रखना
- गुड़ गोबर कर देना – काम बिगाड़ देना
- घाट -घाट का पानी पीना – अनुभवी होना
- घी के दिए जलाना – प्रसन्न होना
- घुटने टेकना – हार मानना
- घड़ों पानी पड़ना – लजिज्त होना
- चाँद का टुकड़ा होना – बहुत सुंदर होना
- चिकना घड़ा होना – बात का असर न होना
- चांदी काटना – अधिक लाभ कमाना
- चांदी का जूता मारना – रिश्वत देना
- छक्के छुड़ाना – परास्त कर देना
- छप्पर फाड़कर देना – अनायास लाभ होना
- छटी का दूध याद आना – अत्यधिक कठिन होना
- छाती पर मूंग दलना – पास रहकर दिल दु:खाना
- छूमन्तर होना – गायब हो जाना
- छाती पर सांप लोटना – ईर्ष्या करना
- जबान को लगाम देना – सोच समझकर बोलना
- जान के लाले पड़ना – प्राण संकट में पड़ना
- जी खट्टा होना – मन फिर जाना
- जमीन पर पैर न रखना – अहंकार होना
- जहर उगलना – बुराई करना
- जान पर खेलना – प्राणों की बाजी लगाना
- टेढ़ी खीर होना – कठिन कार्य
- टांग अड़ाना – दखल देना
- टें बोल जाना – मर जाना
- ठकुर सुहाती कहना – खुशामद करना
- डकार जाना – हड़प लेना
- ढोल की पोल होना – खोखला होना
- तीन तेरह होना – बिखर जाना
- तलवार के घाट उतारना – मार डालना
- थाली का बैगन होना – सिद्धांतहीन होना
- दांत काटी रोटी होना – गहरी दोस्ती
- दो -दो हाथ करना – लड़ना
- धूप में बाल सफेद होना – अनुभव होना
- धाक जमाना – प्रभावित करना
- नाकों चने चबाना – बहुत सताना
- नाक -भौं सिकोड़ना – अप्रसन्नता व्यक्त करना
- पत्थर की लकीर होना – अमिट होना
- पेट में दाढ़ी होना – कम उम्र में अधिक जानना
- पौ बारह होना – खूब लाभ होना
- कालानाग होना – बहुत घातक व्यक्ति
- केर -बेर का संग होना – विपरीत मेल
- धोंधा वसंत होना – मूर्ख व्यक्ति
- घूरे के दिन फिरना – अच्छे दिन आना
- चंडूखाने की बातें करना – झूठी बातें होना
- चंडाल चौकड़ी – दुष्टों का समूह
- छिछा लेदर करना – दुर्दशा करना
- टिप्पस लगाना – सिफारिश करना
- टेक निभाना – प्रण पूरा करना
- तारे गिनना – नींद न आना
- त्रिशंकु होना – अधर में लटकना
- मजा चखाना – बदला लेना
- मन मसोसना – विवश होना
- हाथ पसारना – मांगना
- हाथ मलना – पछताना
- हालत पतली होना – दयनीय दशा होना
- सेमल का फूल होना – थोडें दिनों का असितत्व होना
- सब्जबाग दिखाना – झूठी आशा देना
- भुजा उठाकर कहना – प्रतिज्ञा करना
- हाथ के तोते उड़ना – घबरा जाना