Sangya (Noun) (संज्ञा)

संज्ञा की परिभाषा  – संज्ञा को ‘नाम‘ भी  कहा जाता है . किसी प्राणी , वस्तु , स्थान , भाव आदि का ‘नाम’ ही उसकी संज्ञा कही जाती है . 

उदाहरण के लिए निम्नलिखित वाक्य पढ़िए :


राजेश (व्यक्ति) जब रेलगाड़ी (वस्तु) से शिमला (स्थान) गया तो उसे बहुत प्रसन्नता (भाव) हुई.” इस वाक्य में ‘राजेश’, ‘रेलगाड़ी’, ‘शिमला’ और ‘प्रसन्नता’ सभी संज्ञा के उदाहरण हैं. 

संज्ञा तीन प्रकार की होती है.
 
१. व्यक्तिवाचक संज्ञा – जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु का बोध कराती है, यथा – सीता, युमना, आगरा. 

२. जातिवाचक संज्ञा  – जो संज्ञा किसी जाति का बोध कराती है, जातिवाचक संज्ञा कहलाती है.  यथा -नदी , पर्वत. 

 
३. भाववाचक संज्ञा  – किसी भाव , गुण, दशा आदि का बोध कराने वाले शब्द भाववाचक संज्ञा होते  है, यथा -मिठास , कालिमा.

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