पदबंध – जब एक से अधिक पद मिलकर एक व्याकरणिक इकाई का काम करते हैं , तब उस बंधी हुई इकाई को पदबंध कहते हैं ! जैसे – सबसे तेज दौड़ने वाला घोड़ा जीत गया !
पदबंध के पाँच भेद होते हैं –
1- संज्ञा पदबंध – जब एक से अधिक पद मिलकर संज्ञा का काम करें ,तो उस पदबंध को संज्ञा पदबंध कहते हैं ! संज्ञा पदबंध के शीर्ष में संज्ञा पद होता है , अन्य सभी पद उस पर आश्रित होते हैं ! जैसे –
दीवार के पीछे खड़ा पेड़ गिर गया ।
इस वाक्य में रेखांकित शब्द संज्ञा पदबंध हैं !
2- सर्वनाम पदबंध – जब एक से अधिक पद एक साथ जुड़कर सर्वनाम का कार्य करें तो उसे सर्वनाम पदबंध कहते हैं ! इसके शीर्ष में सर्वनाम पद होता है ! जैसे –
भाग्य की मारी तुम अब कहाँ जाओगी ।
3- विशेषण पदबंध – जब एक से अधिक पद मिलकर किसी संज्ञा की विशेषता प्रकट करें , उन्हें विशेषण पदबंध कहते हैं ! इसके शीर्ष में विशेषण होता है ! अन्य पद उस विशेषण पर आश्रित होते हैं ! इसमें प्रमुखतया प्रविशेषण लगता है ! जैसे –
मुझे चार किलो पिसी हुई लाल मिर्च ला दो ।
4- क्रिया पदबंध – जब एक से अधिक क्रिया पद मिलकर एक इकाई के रूप में क्रिया का कार्य संपन्न करते हैं , वे क्रिया पदबंध कहलाते हैं ! इस पदबंध के शीर्ष में क्रिया होती है !
जैसे –
वह पढ़कर सो गया है ।
5- क्रियाविशेषण पदबंध – जो पदबंध क्रियाविशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं , उन्हें क्रियाविशेषण पदबंध कहते हैं ! इसमें क्रियाविशेषण शीर्ष पर होता है और प्राय: प्रविशेषण आश्रित पद होते हैं ! जैसे –
मैं बहुत तेजी से दौड़कर गया ।